प्रधानमंत्री कुसुम योजना | PM KUSUM YOJANA

PM KUSUM YOJANA

झारखंड में सौर ऊर्जा के माध्यम से किसानों के लिए नई पहल

प्रधानमंत्री कुसुम योजना | PM KUSUM YOJANA or (Pradhan Mantri Kisan Urja Suraksha evam Utthaan Mahabhiyan) एक विशेष योजना है, जिसे किसानों की बिजली जरूरतें पूरी करने और कृषि में सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने के लिए सरकार ने शुरू किया है। इस योजना का उद्देश्य झारखंड जैसे राज्यों में किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और ऊर्जा के स्रोतों का लाभ पहुंचाना है। इसमें सोलर पंप और सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए सब्सिडी का प्रावधान है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और उन्हें सिंचाई के लिए सस्ती और सुगम बिजली मिल सकेगी।

प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य कृषि में सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ाना और डीजल पंपों पर निर्भरता कम करना है। झारखंड में इस योजना के मुख्य घटक और जानकारी निम्नलिखित हैं:

Table of Contents

प्रधानमंत्री कुसुम योजना, झारखंड..

कुसुम योजना के घटक..

योजना का क्रियान्वयन.

योजना की आवश्यकता..

योजना का इतिहास और पृष्ठभूमि…

पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria for PM Kusum Yojana)

आवश्यक दस्तावेज़ (Documents Required for PM Kusum Yojana)

आवेदन कैसे करें और कहाँ करें (How to Apply for PM Kusum Yojana in Jharkhand)

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के लाभ (Benefits of PM Kusum Yojana)

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

कुसुम योजना के घटक

घटक A: ज़मीन पर सौर ऊर्जा उत्पादन
किसान अपनी अनुपयोगी या बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा प्लांट लगा सकते हैं और उत्पादित बिजली को राज्य की बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) को बेच सकते हैं। राज्य द्वारा निर्धारित दर पर बिजली की खरीद की जाती है।

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घटक B: सोलर पंप की स्थापना
इस घटक के तहत किसानों को डीजल पंप की जगह सोलर पंप लगाने में मदद दी जाती है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा 30% से 50% तक सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।

घटक C: कृषि पंपों का सौर ऊर्जा में परिवर्तन
जो किसान पहले से ही ग्रिड से जुड़े हुए पंप का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें सौर ऊर्जा में बदलने के लिए 30% से 50% तक की सब्सिडी दी जाती है।

झारखंड में योजना की उपलब्धियां

  • कुल स्वीकृत सौर क्षमता: 42,985 किलोवाट
  • कुल स्थापित सौर क्षमता: 19,254 किलोवाट
  • स्वीकृत सोलर पंपों की संख्या: 13,42,327
  • स्थापित सोलर पंपों की संख्या: 4,99,319

योजना का क्रियान्वयन

झारखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (JREDA) इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी संभालती है। JREDA किसानों को सब्सिडी वितरित करती है और सोलर पंप तथा सौर ऊर्जा प्लांट की सफल स्थापना सुनिश्चित करती है।

JREDA Official Website par aap anya sabhi updates prapt kar sakte hai –  JREDA – Jharkhand Renewable Energy Development Agency – State Govt. Agency under Department of Energy | Ranchi | Jhakhand | India

योजना की आवश्यकता

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कृषि क्षेत्र में बिजली की कमी एक बड़ी चुनौती है, विशेष रूप से झारखंड जैसे ग्रामीण इलाकों में। यहाँ परंपरागत ऊर्जा स्रोत महंगे होने के कारण किसानों को सिंचाई में समस्या होती है। कुसुम योजना के माध्यम से, सौर ऊर्जा का उपयोग कर बिजली उत्पादन किया जा सकता है, जिससे किसानों की सिंचाई लागत कम हो जाएगी और वे निर्बाध रूप से अपनी फसल की देखभाल कर सकेंगे।

योजना का इतिहास और पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री कुसुम योजना की शुरुआत 2019 में केंद्र सरकार द्वारा की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि में नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बढ़ाना था, ताकि किसानों को सौर ऊर्जा आधारित पंप मिले और वे अपने खेतों में आसानी से सिंचाई कर सकें।

पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria for PM Kusum Yojana)

  1. आवेदक का किसान होना अनिवार्य है।
  2. झारखंड राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।
  3. आवेदक के पास खुद की कृषि भूमि होनी चाहिए।

आवश्यक दस्तावेज़ (Documents Required for PM Kusum Yojana)

  1. आधार कार्ड
  2. निवास प्रमाण पत्र
  3. भूमि का दस्तावेज़ (जमीन के मालिकाना हक का प्रमाण)
  4. बैंक खाता विवरण
  5. पासपोर्ट साइज फोटो
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आवेदन कैसे करें और कहाँ करें (How to Apply for PM Kusum Yojana in Jharkhand)

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के लिए आवेदन करने के लिए किसानों को झारखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (JREDA) की वेबसाइट पर जाना होगा। यहां पर कुसुम योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र उपलब्ध होता है।

  1. JREDA की वेबसाइट पर जाएं और ‘कुसुम योजना’ सेक्शन में क्लिक करें।
  2. ऑनलाइन आवेदन पत्र भरें और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
  3. आवेदन पत्र को सावधानीपूर्वक भरकर सबमिट कर दें।

Sarkari Website: National Portal for PM-KUSUM

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प्रधानमंत्री कुसुम योजना के लाभ (Benefits of PM Kusum Yojana)

  1. सौर ऊर्जा आधारित पंप का लाभ: किसान सब्सिडी पर सौर पंप खरीद सकते हैं, जिससे बिजली की समस्या नहीं रहेगी।
  2. सिंचाई में आसानी: किसानों को अपनी फसल की सिंचाई करने में कम खर्च और अधिक सुगमता मिलेगी।
  3. आय में वृद्धि: किसान अतिरिक्त बिजली का उत्पादन करके उसे ग्रिड में बेच सकते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
  4. पर्यावरण संरक्षण: सौर ऊर्जा का उपयोग पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की जगह लेने में सहायक है।

किसानों के लिए लाभ

  1. वित्तीय सहायता: सौर ऊर्जा में बदलाव के लिए सरकार किसानों को बड़े स्तर पर सब्सिडी देती है, जिससे लागत काफी कम हो जाती है।
  2. आय में वृद्धि: किसान अतिरिक्त सौर ऊर्जा को ग्रिड में बेचकर अतिरिक्त आय कमा सकते हैं।
  3. पर्यावरणीय लाभ: डीजल पंपों की जगह सोलर पंप उपयोग करने से कार्बन उत्सर्जन में कमी होती है, जिससे पर्यावरण को लाभ पहुंचता है और कृषि को टिकाऊ बनाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

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Q1: PM Kusum Yojana में कितनी सब्सिडी मिलती है?
Ans: इस योजना के तहत किसानों को 60% तक सब्सिडी प्रदान की जाती है।

Q2: योजना के लिए कौन पात्र है?
Ans: सभी किसान जो झारखंड के स्थायी निवासी हैं और उनके पास कृषि भूमि है।

Q3: आवेदन कहां किया जा सकता है?
Ans: झारखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (JREDA) की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।

Q4: क्या इस योजना से बिजली का बिल कम होता है?
Ans: हां, सोलर पंप से बिजली का खर्च कम होता है और किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती बिजली मिलती है।

General Government notice

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